In 1949, she published the influential work "Le deuxième sexe" ("The Second Sex"), which became a cornerstone of feminist movements worldwide. Beauvoir's philosophical works include essays such as "Privilèges" (1955) and "La Vieillesse" (1970). She also wrote for theater, with "Les Bouches inutiles" (1945), and penned travelogues like "L’Amérique au jour le jour" (1948) and "La Longue Marche" (1957).

After Satre's death, Simone de Beauvoir published "La Cérémonie des adieux" (1981) and "Lettres au Castor" (1983), a collection of letters exchanged with him. She was a significant figure in existentialism and an important leader in the feminist movement. Until her death on April 14, 1986, she remained actively involved in "Les Temps modernes," a journal she cofounded, and continued to advocate for feminism in various forms. Beauvoir was one of the most influential thinkers of her generation.

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सिमोन द बोव्आर

सिमोन द बोव्आर का जन्म 9 जनवरी, 1908 को पेरिस में हुआ था। उन्होंने एक कैथोलिक स्कूल में बाकालोरेया यानी बारहवीं तक की पढ़ाई की। 1929 में दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और 1943 तक मारसेई, रुओं और पेरिस में पढ़ाया। उनका साहित्यिक पदार्पण L’Invitée (लऐंवीते, 1943) के साथ माना जाना चाहिए। इसके बाद Le sang des autres (ल सौं देज़ोत्र, 1945); Tous les hommes sont mortels (तू लेज़ ओम्म सौं मोर्रतेल, 1946); Les Mandarins (ले माँदारें), वह उपन्यास जिसने उन्हें 1954 में गोंकुर्र पुरस्कार दिलवाया; Les Belles Images (ले बेल्ज़ ईमाज, 1966), et La Femme rompue (ला फ़ाम्म रोमप्यु, 1968)।

1949 में प्रकाशित प्रसिद्ध Le deuxième sexe (द सेकेंड सेक्स) के अलावा, जो सम्पूर्ण विश्व में नारीवादी आन्दोलन का सन्दर्भ ग्रन्थ बन गया है, सिमोन द बोब्आर के सैद्धान्तिक काम में कई दार्शनिक और विवादास्पद निबन्ध शामिल हैं। उदाहरण के लिए Privilèges (प्रिविलेज, 1955) और La Vieillesse (ला वीआईयेस, 1970)। उन्होंने थिएटर के लिए, Les Bouches inutiles (ले बूश इन्यूतील, 1945) लिखा और L’Amérique au jour le jour (लामेरीक ओ जूर ल जूर, 1948), et La Longue Marche (ला लोंग मार्श, 1957) में अपने कुछ यात्रा-वृत्तान्त लिखे।

सात्र की मृत्यु के बाद, सिमोन द बोब्आर ने 1981 में La Cérémonie des adieux (ला सेरेमोनी देज़ादीय) और 1983 में Lettres au Castor (लेत्र ओ कास्तर) प्रकाशित किया, वे पत्र-संग्रह जो उन्हें सार्च से प्राप्ता हुए थे। सात्र के साथ उन्होंने Les Temps modernes (ले तीं मोदेन) नामक पत्रिका आरम्भ की और अस्तित्ववादी आन्दोलन के एक महत्त्वपूर्ण नेता के रूप में उभरीं। अपनी मृत्यु के दिन, 14 अप्रैल, 1986 तक, वे सक्रिय रूप से इस पत्रिका में योगदान करती रही थीं और नारीवाद के साथ उनकी प्रतिबद्धता विभिन्न और असंख्य रूपों में व्यक्त हुई। बोआर अपनी पीढ़ी के सबसे प्रभावशाली विचारकों में से एक थीं।

द सेकेंड सेक्स : खण्ड – 1

सिमोन द बोव्आर

मूल्य: $ 14.95

स्त्री की वस्तुस्थिति, उसे अन्य के रूप में परिभाषित करने और पुरुषों के दृष्टिकोण से उसके परिणामों को समझने का प्रयास हम जीव-विज्ञान, मनोविज्ञान और ऐतिहासिक भौतिकवाद के माध्यम से करेंगे। इस प्रकार, हम वह दुनिया वर्णन करेंगे जिसमें स्त्री को रहना पड़ता है और उसे उस दायरे से बाहर निकलने के लिए किस तरह की अड़चनें आती हैं।

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